अनिल कुमार पाली
परिचय शीघ्र ही अपलोड होगा.
गुरतुर गोठ में संग्रहित रचनायें .
- छत्तीसगढ़ी संस्कृति म गोदना
- कविता - महतारी भाखा
- गढ़बो नवा छत्तीसगढ़
- मोर दाई छत्तीसगढ़
- तभे होही छत्तीसगढ़ी भाखा के विकास
- चुनाव के चिल्लाई म मतदान करना जरूरी हे
- सावन आगे
- छत्तीसगढ़िया कहाबो, छत्तीसगढ़ी बोलबो अउ चल संगी पढ़े ला
- जिनगी के प्रतीक हे भगवान जगरनाथ के रथ यात्रा
- छत्तीसगढ़ के पहली तिहार हे हरेली
- माटी के पीरा
- माटी के महिमा हे करसि के ठंडा पानी
- छतीसगढ़ी भाखा
- छत्तीसगढ़ी बोलबो
- प्रभु हनुमान जइसे भगत बनना चाही
- माटी के पीरा
- मोर महतारी
- छत्तीसगढ़ी गीत-ग़ज़ल-छंद-कविता
- रंग डोरी होली
- सिक्छा ऊपर भारी पड़े हे अंधबिस्वास
- देवी देवता के पूजा इस्थान म होथे मड़ाई
- मोर गांव गवा गे
- छत्तीसगढ़ म छत्तीसगढ़ी भाखा के नइ होत हे विकास
- महानदी पैरी अउ सोढुर तीनो के मिलन इस्थान म लगथे राजिम मेला
- सुक्खा पर गे बेलासपुर के दाई अरपा
- हमर संस्कृति म भारी पड़त हे मरनी भात खवाना
- जौँहर करथस ओ
- गांव शहर ले नंदा गे हे पतरी भात, मांदी
- नैन तै मिला ले